Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj SahebApr 19, 20232 minThink BeyondA Mind Peace is Heavenएक स्त्री अत्यंत क्रोधी स्वभाव वाली थी। दिन और रात, घर में और बाहर हर जगह गुस्सा करती थी। अपनी सास पर, ससुर पर, पति पर, बच्चों पर, नौकरों...
Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj SahebApr 19, 20233 minThink Beyondऐसी दशा हो भगवन्!एक नौजवान नाविक की नाव में एक श्रीमंत सेठ सफर कर रहे थे। जब नाव बीच मझधार में पहुँची, तो भयंकर तूफान आया। नाव आकाश में हवा में उछलने लगी।...
Priyam Apr 19, 20235 minAatma Parinatiमेरे भ्रम का पोटला।घर अपने वालम कहो रे, कौण वस्तु नी खोट? यदि आपको अपने घर में सोना ही सोना दिखाई दे, और दुनियाभर में धूल ही धूल दिखाई दे, तब समझ लेना कि अब...
Priyam Apr 19, 20236 minAatma Parinatiवस्तु की खोट?लगत पिया कह्यो माहरो रे, अशुभ तुम्हारे चित्त; पण मोथी न रहाय पिया रे, कहा बिना सुण मित्त। …03 प्रिय! मेरी बात तुम्हें अच्छी नहीं लग रही...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj SahebApr 19, 20234 minParmatmaa Banane Ke 20 Steps‘नमो तित्थस्स’चलो, आज भगवान बनने का अंतिम कदम भी भर लेते हैं । जिसका नाम है – तीर्थ पद। दो चीजें सबसे महत्त्वपूर्ण होती हैं, एक जो सबसे पहली हो, और...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj SahebApr 19, 20233 minParmatmaa Banane Ke 20 Stepsइन्फोर्मेशन न लें, पर ज्ञान लेते रहें।प्रणाम मित्रों! परमात्मा बनने के 20 Steps की हम बात कर रहे हैं। इस लेख की शुरूआत में आपको जरूर कुछ नया लगा होगा। हर बार ‘Hello Friends’...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 19, 20237 minPratikarहमारे धर्म के नियम बहुत ही सख्त हैं, ऐसा क्यों?प्रश्न : महाराज साहेब! अनेक प्रश्नों का समाधान हो गया हैं। अब एक नया प्रश्न है कि, दुनिया में सैकड़ों धर्म हैं। हर एक धर्म में कुछ ना कुछ...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 19, 20237 minPratikarइतने सारे देरासरों की क्या जरूरत है?चढ़ावे पैसों में ही क्यों लिए जाते हैं? देवद्रव्य का उपयोग अन्य किसी भी कार्य में क्यों नहीं हो सकता? आदि बातें अब बराबर से समझ में आ गईं...
Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj SahebApr 19, 20235 minEat Live Right Brightखाद्य सामग्री के साथ जुड़े जैन शब्द से सावधानीरोगों का घर : रेफ्रिजरेटर आजकल रेफ्रिजरेटर फैशन और इज्जत का साधन बन गया है। परन्तु वास्तव में तो यह रोगों का ही घर है। गुजराती साप्ताहिक...