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The Faithbook Blog


अम घर आवत नाथ
किस तरह से करे? यह हमारा प्रश्न है। करना है कि नहीं? यह ज्ञानिऔं का प्रश्न है। यदि करना हो, तो उस करने के रास्ते पर दौड़ना शुरू करो। आत्म...
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Jul 5, 20241 min read


आतम सुख अनुभव करो प्यारे
बात हमारी है। अबजोपति का वारसदार यानी हमारा आत्मा। उसे सभी कुछ मिल सकता है, शर्त ईतनी ही है कि, उसे बाहर भटकना छोड़ देना होगा और घर में आ...
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Jun 21, 20241 min read


पिया निज महेल पधारो...
थोड़ी समझदारी बाह्य विश्व में विवाह का अर्थ किया जाता है 'खत्म हो जाना।’ अतरंग विश्व में विवाह का अर्थ है प्राप्त कर लेना, लाभ होना और...
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Apr 17, 20246 min read


मेरे भ्रम का पोटला।
घर अपने वालम कहो रे, कौण वस्तु नी खोट? यदि आपको अपने घर में सोना ही सोना दिखाई दे, और दुनियाभर में धूल ही धूल दिखाई दे, तब समझ लेना कि अब...
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Apr 19, 20235 min read


वस्तु की खोट?
लगत पिया कह्यो माहरो रे, अशुभ तुम्हारे चित्त; पण मोथी न रहाय पिया रे, कहा बिना सुण मित्त। …03 प्रिय! मेरी बात तुम्हें अच्छी नहीं लग रही...
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Apr 19, 20236 min read


मोक्षद्वार का उद्धाटन
सुनी सुमता की विनती रे, चिदानंद महाराज। कुमता नेह निवार के प्यारे, लीनो शिवपुर राज॥ सुमता की विनती सुनकर चिदानंद महाराज ने कुमता के प्रति...
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Apr 18, 20236 min read


पिया, पर-घर मत जाओ रे…
पूज्य चिदानंद जी महाराज रचित प्रथम अध्यात्म-पद परिशीलन स्व में समा जाने का स्वर्णिम अवसर प्रश्न के प्रश्न का प्रश्न परिणति होगी या नहीं,...
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Apr 9, 20235 min read
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