Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj SahebNov 7, 20203 minMind ChargerSecret of Work“सहसा न विदधीत क्रियाम्, अविवेकः परमापदां पदम् । वृणुते हि विमृश्यकारिणं गुणलुब्घा: स्वयमेव सम्पद:।।” छगन : अरे मगन! तुम क्या करते हो?...
Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj SahebSep 23, 20203 minMind Charger सद्बुद्धि से सन्मार्ग की प्राप्ति, सन्मार्ग से सद्गति की प्राप्तिसंस्कृत का एक सुंदर सुभाषित है। विपत्तिकाले समुत्थाने, बुद्धिर्यस्य न हीयते। स एव दुर्गतिं तरति, जलस्थो वानरो यथा।। इस सुभाषित का कथा...
Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj SahebSep 23, 20204 minMind ChargerTIME IS DIVINE CURRENCY!! ‘नष्टं द्रव्यं लभ्यते कष्टसाध्यम्, नष्टारोग्यं सूपचारैः सुसाध्यम् !! !! नष्टा विद्या लभ्यतेSभ्यासयुक्ता, नष्टा वेला या गता सा गतैव !!...
Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj SahebJun 18, 20203 minMind Chargerआचारः प्रथमो धर्मो“आचारः प्रथमो धर्मो, नृणां श्रेयस्करो महान्। इहलोके पराकीर्तिः, परत्र परमं सुखम् ।।” Mostly आजकल अनाचार का ही Trend हो गया है। Dressing,...
Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj SahebMay 24, 20203 minMind ChargerCareer & Character!! “प्रत्यहं प्रत्यवेक्षेत, नरश्चरितमात्मनः !! !! किं नु मे पशुभिस्तुल्यं, किं वा सत्पुरुषैरिति !! जगत में देखने वाले लोग बहुत हैं, जगत...