Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 57 minPratikarईश्वर ने विश्व को बनाया है या बताया है ?सृष्टि के सृजन के विषय में आधुनिक विज्ञान द्वारा प्रस्तुत Big Bang थिअरी आदि के विषय में तर्कसंगत उत्तर से रहित ढ़ेरों प्रश्न बिना सुलझे...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 19, 20237 minPratikarहमारे धर्म के नियम बहुत ही सख्त हैं, ऐसा क्यों?प्रश्न : महाराज साहेब! अनेक प्रश्नों का समाधान हो गया हैं। अब एक नया प्रश्न है कि, दुनिया में सैकड़ों धर्म हैं। हर एक धर्म में कुछ ना कुछ...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 19, 20237 minPratikarइतने सारे देरासरों की क्या जरूरत है?चढ़ावे पैसों में ही क्यों लिए जाते हैं? देवद्रव्य का उपयोग अन्य किसी भी कार्य में क्यों नहीं हो सकता? आदि बातें अब बराबर से समझ में आ गईं...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 13, 20237 minPratikarदेवद्रव्य की रकम से समाज सेवा के कार्य करने चाहिए?बैंकों में देवद्रव्य के करोड़ों रूपये ऐसे ही निष्क्रिय पड़े रहते हैं, तो उसका उपयोग दुष्काल राहत में, या भूकंप पीड़ितों के लिए, या अनाथ...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Apr 10, 20237 minPratikarकंदमूल अभक्ष्य क्यों है?प्रश्न : महाराज साहब! कंदमूल अभक्ष्य क्यों है? उत्तर : जमीनकंद के भक्षण से आत्मा को दुर्गतिगमन आदि नुकसान होता है। ऐसा भगवान ने अपने...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Feb 28, 20227 minPratikarक्या देवद्रव्य की राशि का उपयोग साधर्मिक के उत्थान में नहीं करना चाहिए?प्रश्न: हमारे यहाँ चढ़ावा आदि पैसों में क्यों बोले जाते हैं? इत्यादि बातें आपने सुंदर तरह से तर्कसहित समझाईं और वे समझ में भी आ गईं।...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Dec 12, 20217 minPratikarचढ़ावा पैसों के आधार पर ही क्यों बोला जाता है ?प्रश्न : हमारे यहाँ पैसों का बहुत बोलबाला है। प्रभु की प्रतिष्ठा है, तो चढ़ावा बोलो कि पहली पूजा कौन करेगा? मुमुक्षु को विदाई तिलक करना...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb Oct 31, 20218 minPratikarअनीति से पैसा मिलता है या पुण्य से?अनीति से अंतराय बँधता है यह जिनोक्त बात हमने पिछले लेख में बैंक के दृष्टांत से देखी। इस लेख में हम इसे शास्त्रीय तर्क के द्वारा देखेंगे।...
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb May 18, 20217 minPratikarधर्मात्मा दुःखी और पापी सुखी, ऐसा क्यों ?इस भव में लोन या ब्याज कुछ भी वापस नहीं करना है, लेकिन परलोक में आना, पाई, ब्याज, सिक्के समेत चुकाना पड़ेगा। ऐसा करार करने वालों को बिना...