पाप का बाप, कौन? बाप का पाप, क्या?
- Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
- Jun 18
- 8 min read

हेडिंग पढ़कर शायद आपको अजीब लगेगा।
प्रथम प्रश्न का उत्तर शायद सभी को पता ही होगा, ‘लोभ’ को पाप का बाप बताया गया है। द्वितीय प्रश्न का उत्तर इस लेख के अंत में सभी पाठकों को मिल जायेगा।
आधुनिक मशीन एवं डॉक्टर्स पर आँखें मूँद कर भरोसा करने वालों को एक सच्ची घटना बताना चाहूँगा।
एक परिवार में चार बेटी के ऊपर पाँचवे (गर्भ) की तैयारी हो गई थी। पति को बेटे के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए था। अल्ट्रा साउण्ड (सोनोग्राफी) करवाके लिंग परीक्षण करवाया जो कि गैरकानूनी था।
मशीन ने बताया कि, ‘बेटी’ है। बिना सोचे-समझे बाप ने (पति ने) गर्भपात करवा दिया। गर्भपात के वक्त पता चला कि, मशीन झूठा निकला और गलती से बेटे की कत्ल एक बाप से हो गई थी, वो भी बेटे की ही चाह में।
उस परिवार की और एक ट्रेजेडी... फिर से महिला गर्भवती हो गई। फिर से सोनोग्राफी करवाई। ऐसा बनना मुश्किल है, फिर भी बना, मशीन से भविष्यवाणी की, गर्भ में ‘बेटा’ है और खुशी-खुशी से जन्म दिया तो पता चला की पांचवीं बार घर में ‘लक्ष्मीजी’ पधारे हैं।
कुदरत को अपनी मनमर्जी से बदलने के लिए सर पटकने वाले सिरफिरों को यह कथा समर्पित कर रहा हूँ।
कई सारे किस्सों में डॉक्टर भी भयानक झूठ बोलकर अच्छे-अच्छे लोगों के दिमाग को घुमा देते है। यहाँ पर उनके सेम्पल प्रस्तुत कर रहा हूँ।
1. यदि गर्भस्थ बच्चे की हार्ट बीट्स धीरी चलती हो, तो कुछ डॉक्टर्स कह देते है कि, आपके पेट में पल रहे बच्चे की हार्ट बीट्स बंद हो गई है (यानी बच्चा मर गया है) जल्दी से बच्चे को निकाल दीजिए, वरना माँ के ऊपर जोखिम बढ़ जायेगा।
2. यदि पेट में रहे बच्चे का विकास (ग्रोथ) स्लो हो तो डॉक्टर्स कह देते है कि, भ्रूण का विकास रुक गया है, अतः जल्दी से गर्भ गिरा दो, वरना माँ मर जायेगी।
3. कभी-कभी डॉक्टर माँ को कह देते है कि, तेरा बच्चा विकलांग या मंदबुद्धि का पैदा होगा। पूरी जिंदगी तुझे उसका बोझ ढोना पड़ेगा। वैसे भी जन्म लेने के बाद कुछ ही सालों में मरने ही वाला है, ऐसा कहकर हमारे मन को नकारात्मक सोच से भर देता है। (एक बात निश्चित है कि, बच्चा अपने आप मर जाये, वो नियम हो सकता है, मारा जाये वो अपराध होता है, पेड़ सूख जाये वो नियम लेकिन पेड़ को काटा जाये वो अपराध..)
ऐसे हजारों-लाखों किस्से होंगे, जिसमें बच्चे की विकलांगता की भविष्यवाणी गलत निकली हो। और जन्म के बाद भी बच्चे की आयु लम्बी निकली हो।
4. कई बार डॉक्टर्स की गलती, गलतफहमी या गलत नियत से ऐसी बातें फैलाई जाती है कि, या तो माँ बचेगी, या बच्चा... दोनों में से किसी एक को ही बचा सकते है।
ऐसे डर को भी ओवरटेक करके कई माताओं ने अपने लाल को धरती दिखाई तो दोनों आज सुरिक्षित है। गर्भपात नहीं करवाने के निर्णय के बाद उस बच्चे ने दीक्षा भी ली हो, ऐसे किस्से है।
5. कई बार स्वयं माताओं को ही पता नहीं होता कि, वो जिसे गर्भरोधक गोली मानकर ले रही है, वह गोली स्वयं ही गर्भधातक थी। गर्भरोधक आई-पिल जैसी गोलियों से स्त्री की कोख (बच्चेदानी) स्लीपरी (फीसलन भूमि) बन जाती है। बच्चो को ठहरने के लिए यूटरस (बच्चेदानी) की दीवारें खुरदरी (रफ) होनी चाहिए। लेकिन माईकॉरल जैसी गर्भरोधक दवाईयों के कारण बच्चा टिकता ही नहीं और स्वयं माता को ही पता नहीं लगता कि अनजाने में कईबार गर्भपात हो गया है।
अत्यंत गंभीर विषय को आज मैं कवर करने जा रहा हूँ। जिसमें IVF की काली सच्चाई को भी सामने लाना चाहता हूँ।
बिल्कुल तुच्छ और फालतु कारणों से हम अपने ही जैन बंधुओं की कत्ल करने पर तुले है।
1. फाइनेन्सीयली परवडता नहीं, इसलिए संतान नहीं चाहिए। सर्वे करने पर पता चला है, जिसके पास 50/60 हजार का आईफोन है, 15/20 लाख की जिसकी सैलरी है, उसे ही दूसरी संतान बोझ लग रही है, बाकी जिसका वेतन महिने का सिर्फ 30/40 हजार है, ऐसे मिडल क्लास फैमिली फिर भी एक से ज्यादा बच्चों को जन्म दे देते है।
2. लेट मैरिज (देरी से शादी) के कारण भी समाज में गर्भपात बढे है। 20 प्रतिशत एबार्शन 20 की उम्र से नीचे की लड़कियों के है और अविवाहित महिलाओं के (35 से नीचे) 50 प्रतिशत से अधिक है।
3. कई सारी बहनों की मानसिकता फ्रीडम की है। ‘My Body My Choice' उनका सूत्र है। इस विचार को समर्थन करने के लिए अनगिनत क़ानून भी बने हुए है। कल्चर भी ऐसा ही है। मेरा तो सिम्पल क्वेश्चन है, आपके शरीर के लिए बराबर है 'My body My Right’ या ‘My Body My Choice’ लेकिन आपके शरीर के अंदर जो किसी दूसरे का (बच्चे का) शरीर है, उस पर आपका अधिकार कैसे?
महिला पर बलात्कार करने वाले पुरुष को मार डालने का अधिकार यदि वर्तमान का कानून नहीं दे रहा है, तो पेट में रहे हुए बिल्कुल निर्दोष बच्चे को मारने की छूट कानून कैसे दे सकता है?
4. कई सारी बहनें तो बिल्कुल अज्ञानता के कारण इस पाप को अंजाम दे रही है।
आज की खतरनाक वास्तविकता यह है कि, IVF ट्रीटमेन्ट को लोग बच्चा पैदा करने की मशीनरी मान कर बैठे है। हकीकत में सबसे ज्यादा भ्रूण हत्या एक IVF से होती है।
एक मॉस्किटो रैकेट (मच्छर मारने का इलेक्ट्रिक रैकेट) चलाने में हम महापाप मानते है, चीटी को मारने से हम दूर रहते है। बकरी ईद पर बकरी बचाने के लिए हम 2000/5000₹ खर्च करने के लिए रेडी हो जाते है। मूक पशुओं को हम तो नहीं मारते, लेकिन कोई मार रहा है, तो हम देख भी नहीं सकते है। अरे! दूसरे लोग मारते है, तब हम उन मूक पशुओं की समाधि के लिए आयंबिल भी कर लेते है।
लेकिन शर्म की बात यह है कि, हम इस बारे में बोलना, लिखना या पढना भी नहीं चाहते है कि, हमारे ही हाथों से हम जैन बंधु की कत्ल ना करें। मनुष्य हत्या हमने नोर्मल मान लिया।
शर्म की बात तो यह है कि, हम जिसे मांसाहारी मानते है, ऐसे इस्लाम के अनुयायी या ईसाइ भी इस मानव हत्या से कई कोशों दूर है।
हमारे यहाँ सामायिक करने वाले बुड्ढ़ी माता – बहनें भी चालू सामायिक में अपनी पड़ोशन को सलाह दे देती है,
‘तारी बहु रो छोरो नी वे तो IVF करवा ले...।’
(आप की बहू को बेटा नहीं रहा है तो IVF करवा लेना चाहिए)
अज्ञानता से ज़हर खाने मात्र से अमृत नहीं बन जाता। गर्भहत्या के पापों में अज्ञानता से प्रेरणा करने पर भी पाप, पाप ही रहने वाला है। (धर्म नहीं बनने वाला)
पुरुष के शुक्राणु एवं महिला के अण्डों को मर्ज कर के डोक्टर्स उसमें से 15 से 20 एम्ब्रियो बनाते है [हकीकत में बच्चा बनाते है] जो प्रक्रिया एक महिला की कोख में हो रही हो वो ही प्रक्रिया ये लोग लेब में कर रहे है। एम्ब्रियो बोलने पर एक प्रोडक्ट का भाव जगता है, उत्पाद को तो खत्म भी किया जाये तो भी आप की संवेदना आहत नहीं होगी।
अप्राकृतिक, अवांछनीय (Unwanted & unnatural) वातावरण में 20/20 भ्रूण तैयार करके रखे जाते है। एम्ब्रीयोलोजीस्ट (भ्रूणविज्ञानज्ञाता) कहता है कि इस प्रकार तैयार किये गये बच्चों में से 4/5 तो वैसे ही मर जाते है। बाकी बचे 15 में से जो बच्चे अस्वस्थ एवं रोगी हो ऐसे भ्रूण को Dr. खत्म कर देता है, ऐसे 5/6 भी हो सकते है । मेरे पास एक ही प्रोडक्ट के 15/20 पीस हो, तो मैं फालतू के 4/5 खत्म कर भी दू तो मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है? अब बचे हुए 10 में से 2/3 भ्रूण उस लेडी की कोख में अंदर डालेंगे इसीलिए IVF से कई बार ट्वीन्स या ट्रीपल पैदा हो जाते है। कई बार माँ की कोख में ताकत नहीं होती तो बाक़ी के दो मर जाते है कभी एक भी नहीं बचता, तो फिर से IVF फिर से गर्भहत्याएँ... कई बार तो 4/4 IVF Fail हो जाने पर विशेष होर्मोनल ट्रीटमेण्ट के इंजेक्शन दिये जाते है जो अत्यंत अशुभ भावों को पैदा करते है।
IVF में जो बाकी बचे 6/7 थे, उसका क्या? अधिकांश लोग उसे मार डालने को कहते है, क्योंकि फ्रीज कराने का अलग से खर्चा कौन करें? –200 डीग्री में फ्रीज भी करवा सकते है। एक बच्चा पैदा करने में 15 से 20 गर्भहत्या एक IVF में होती है, तब उसकी सलाह हम कैसे दे सकते है?
आधुनिक विज्ञान की अधिकांश खोजें मानव को महान बनाने हेतु नहीं है, शैतान बनाने के लिए है।
सुविधा देने के नाम पर सद्गुणों के अंतिम संस्कार करने के लिए है। भौतिकता की अंधी दौड़ में लगाकर आध्यात्मिकता उनसे छीन लेने के लिए है।
अमेरिका के कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में तो ऐसे भ्रूण के दाम भी होते है। वहाँ पर बड़ी-बड़ी फार्मा कंपनियाँ (+MNC’S) गिराये गये गर्भ को पैसे देकर ले जाती है। क्योंकि यह अब एक प्रोडक्ट है। गर्भ जितना बड़ा, अधिक महिने का, तंदुरुस्त और पूर्ण विकसित उतने ज्यादा डॉलर में वह बिकता है। मान लो की किसी लेडी को लेबर पेन होने पर ओ. टी. में लिया गया। बच्चे का सिर आधा बाहर निकल चुका है, तभी वह लेडी कह दे कि मुझे ये बच्चा नहीं चाहिए। इसे काट दो... तो उस लेडी को 75 डॉलर मिल जाते हैं। उस बच्चों को कंपनियां खरीद लेती है। इस प्रक्रिया को ‘पार्शियल बर्थ अबॉर्शन’ कहा जाता है। सुनने पर भी रोंगटे खड़े हो जाए ऐसे पाप वहां पर नॉर्मल हो चुके हैं। इस भ्रूण का उपयोग अब मानव जाति की सेवा में (मनुष्य को मारकर मनुष्य की सेवा(?) में) किया जाएगा। अब उस भ्रूण के ऊपर विविध दवाइयों के एवं वेक्सीन के प्रयोग किये जायेंगे। कई बार उसमें से वेक्सीन भी बनाई जाती है (जो लोग कल्चर किये हुए गर्भ की वेक्सीन निर्माण के भ्रम में है, उन्हें यह भ्रम दूर करना चाहिए।)
अब तो आधुनिक विज्ञान भी 24 घण्टे के बाद बच्चे का अस्तित्व स्वीकार कर रहा है। शिकागो यूनिवर्सिटी के अंदर 5000 लोगों पर किये रिसर्च के आधार पर यह बात हम बता रहे हैं।
अपने पास डेस्टिनेशन वेडिंग के, महंगे-महंगे आईफोन खरीदने के, हील स्टेशन में घूमने के पैसे है, एक बच्चे को जन्म देकर जैन बनाने के पैसे नहीं है? IVF से 15/20 को मारने के बजाय एक बच्चे को अनाथाश्रम से गोद लेकर भी जैन बना सकते हैं ना? हमें कौन रोकता है?
गर्भपात का पाँचवा कारण है, उसे सहज-सस्ता बनाया जाना। आज गर्भपात की गोली सिर्फ 440₹ में आती है, इतने रुपयों में तो स्टारबक्स की कॉफी पीने को मिलती है। एक इंसान की जिंदगी की कीमत कितनी? जितना खर्चा उसे मारने में लगे, वो ही उसकी जिंदगी की किमत!!!
महाराष्ट्र के गवर्नमैन्ट सेन्टर्स में तो सिर्फ 10/10 रुपयों में गोली मिल जाती है। राजस्थान में वो ही गोली 5/5 रुपयों में मिलती है। और आगे की बात बताऊँ तो कोविड काल में जैसे फ्री में डोलो - पेरासिटामोल बटती थी, उसी प्रकार आंगनवाड़ी की सरकारी कर्मचारी महिलाएं इसे घर-घर मुफ्त में वितरण कर रही है। यदि आप इस पाप को करना चाहो तो सरकार आपको पूरी सुविधा देना चाहती है।
फार्मा कंपनियां क्यों फ्री में देती है? सरकार क्यों फ्री में देती है?
महत्वपूर्ण कारण यह है कि विश्व के 13 देश को Big Govt. ने चेतावनी दे दी है कि अब एक भी बच्चा पैदा नहीं होना चाहिए, उन 13 देशों में भारत क्रमांक एक पर है। बड़ी-बड़ी कंपनियों को गर्भपात के पीछे लंबी चौड़ी कमाई है, क्योंकि गर्भपात के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य की वाट लग जाती है।
6 गर्भहत्या को सहज बनाने के पीछे शैतानी जमात के कुछ फैमिली के लोगों का हाथ है। शैतानी जमात के लोग अपने देवता शैतान को खुश करने के लिए मानव बलि देते है। विडंबना यह है कि दुनिया का एक भी धर्म इस पाप को अच्छा नहीं मानते हुए भी इसमें सभी धर्म के अनुयायी संलिप्त है।
जो नरबलि चंगीजखान - औरंगजेब या नादिरशाह जैसे क्रूर आततायी शासक नहीं दे पाये उससे भी अधिक नरबलि देने का काम आज के लोगों के हाथों से ही ये लोग (शैतानी जमात के लोग) करवा रहे है।
इस दुनिया का श्रेष्ठ धर्म? अभयदान...
उत्कृष्ट पाप? हिंसा और लोभ...
जीवों की हिंसा नहीं करनी यदि श्रेष्ठ हो तो जीवों में उत्कृष्ट कौन? पंचेन्द्रिय जीव...
पंचेन्द्रिय में श्रेष्ठ कौन? मानव...
मानव में भी उत्कृष्ट रक्षणीय कौन? बालक...
बालक के अंदर भी सबसे करीब कौन? अपनी ही संतान...
पाप का बाप यदि लोभ है, तो बाप का पाप क्या हो सकता है? अपने ही बेटे-बेटी की अपने ही हाथों से हत्या करनी। यहाँ पर बाप का पाप कहो या माँ-बाप का पाप - दोनों एक ही है। माँ-बाप का यदि कोई उत्कृष्ट पाप हो तो गर्भपात का पाप है।
यदि हम अपने वालों को ही मार कर जीवित रहना चाहते है तो कल्पसूत्र लिख रहा है, स्वजन का द्वेष करने वाला जीव नरकगामी होता है।
कर्मग्रंथों की बात माने तो जीवन समाप्त करता है, उसे जीवन नहीं मिलता है। आपके आश्रय में आये बच्चे को मारने पर एक जैन की हत्या आप कर रहे हो, अगले जन्म में जिनशासन तो नहीं मिलेगा, मनुष्य अवतार भी नहीं मिलने वाला...
क्या यह बात आपको स्वीकार्य है? यदि हाँ... तो...
Your Life… Your Choice…
(We Can’t Help You…)
(आधारभूत जानकारी के लिए विशेष धन्यवाद – श्री साहिलभाई – मुम्बई...)
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