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The Faithbook Blog


चरण-स्पर्श का महत्व
भारतीय परंपरा में ‘चरण-स्पर्श’ का इतना गहरा महत्व क्यों है? चाहे परमात्मा हों, सद्गुरु हों,या माता-पिता जैसे हमारे बुज़ुर्ग हों — सबके ‘चरण-स्पर्श’ का उल्लेख हमारे कल्चर में बार-बार आता है। दिवाली जैसे पर्वों पर माता-पिता के चरण स्पर्श कर उनके आशीर्वाद लेने की परंपरा होती है... अंजनशलाका जैसे मंगल विधानों में “अनंत गुरुपादुकेभ्यो नमः” के माध्यम से सद्गुरु के ‘चरण-वंदन’ की ही बात आती है... जब हम शत्रुंजय जाते हैं — पाँच चैत्यवंदन करते हैं, दादा आदिनाथ का चैत्यवंदन करते हैं, फ
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Nov 182 min read


कहानी कुरबानी की - 6
दलीचंद जैन की दिलचस्प कहानी जब स्वतंत्रता की लालसा अपनी चरम सीमा पर पहुँचती है, तब अवरोध, उपेक्षा और पीड़ा का कोई मोल नहीं रह जाता।...
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Sep 242 min read


महायनक खारवेल Ep. 5
( मगध की राजधानी पाटलिपुत्र की राजसभा में सम्राट सम्प्रति ने “बोलो अरहंत प्रभु की जय..." का उद्घोष किया और उनके पीछे पूरी सभा ने जय-जयकार...
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Jul 14, 20245 min read


आइस्क्रीम कितनी Healthy है...?
आइस्क्रीम, बरफ और नमक के संयोग से सांचे यंत्र द्वारा या मटके में हाथ से घुमाकर बनाई जाती है। जिससे... 1) असंख्य पानी के जीव तथा 2) असंख्य...
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Jul 12, 20243 min read


‘गंभीर रोग ‘अगंभीरता’ का...’
अभी सोशल मीडिया पर एक कहानी वायरल हो रही है और साथ में एक खबर भी चर्चा में है। चलो पहले खबर सुना देते है। सोनाक्षी सिंहा (शत्रुध्न सिंहा...
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Jul 10, 20248 min read
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