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The Faithbook Blog


Muniraj Shri Parshwasundar Maharaj Saheb
Feb 203 min read
कहानी कुरबानी की...
शौर्यगाथा ‘स्वदेशी’ की… वतन का कर्ज चुकाने के लिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी…आज़ादी की मशाल को प्रज्वलित रखने के लिए जिन्होंने...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Feb 176 min read
महानायक खारवेल Ep. 24
जहाँ, जब, जितने अंश से प्रेमी दिल होते है, वहाँ, तब, उतने अंश में जीवन होता है। प्रेम जीवंतता को प्रदान करता है, बाकी सब मुर्दा होता है।...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Feb 97 min read
महानायक खारवेल Ep. 23
उसके एक महीने के बाद आटविक साम्राज्य में एक भव्य सुशोभित और प्रमाण में सादगी भरी ऐसी एक कुटिर में एक तरफ सूर्य-चंद्र के समान आर्य सुस्थित...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Jan 268 min read
महानायक खारवेल Ep. 22
"तो आर्य बलिस्सहजी कुमारगिरी पर्वत पर कैसे पहुँच गए?” सात साधुओं के उस परिवार में अभी तक बिलकुल मौन बैठे हुए ऐसे एक मुनिवर ने पूछा।...
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Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj Saheb
Nov 14, 20244 min read
पेट है या क़ब्रस्तान?
कुछ अभक्ष्य पदार्थों की सूचि नीचे दी जा रही है। 1. जिलेटीन : यह प्राणियों की हड्डी का पाउडर है। इसका उपयोग जेली, आइस्क्रीम,...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20244 min read
महानायक खारवेल Ep. 13
कलिंग जनपद की राजधानी तोसाली नगरी उत्सव में मग्न बन गई थी। यद्यपि एक जमाने में जिस प्रकार से महोत्सव मनाये जाते थे, वैसे तो कई बरसों से...
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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Nov 7, 20242 min read
स्वप्न
लीला: “बेटा चिंटू! दोपहर के 12:00 बज गए, अभी तक तू बिस्तर में पड़ा है?” चिंटू आधी नींद में ही बोला: “नहीं। मैं तो गोवा के बीच पर हूँ।...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Nov 5, 20243 min read
क्याँ बच्चों के नाम राशि से ही रखने चाहिए?
अवसर्पिणी काल में प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान वर्तमान की संस्कृति के आद्य स्थापक हैं। सोलह संस्कार की परंपरा प्रभु आदिनाथ से चली आ...
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Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Oct 25, 20247 min read
सुविधा ज़रूरी है या सावधानी?
[ Disclaimer : इस लेख में लिखें जा रहे तथ्य, मेरे दिमाग़ की कोई हवा-हवाई सोच या भ्रमणा या कल्पना नहीं हैं, लेकिन असलियत हैं। हालांकि...
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Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj Saheb
Oct 18, 20243 min read
शराब का नशा अर्थात् मौत का कुँआ
शराब का सेवन एक बार करने के बाद रूकना मुश्कील है। इसका शौक करने जैसा नहीं है, यह मौत का कुँआ है। इसलिए जीवन में पानी आने से पूर्व पाल...
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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Oct 16, 20242 min read
सारे भगवान की जय
चिंटू : “पिंटू! तू मेरा भी रिजल्ट देख कर आना। मैं पापा के साथ बैठा रहूँगा। यदि एक विषय में फेल हुआ तो जय श्रीकृष्ण कहना, दो विषय में उड़ा...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 22, 20242 min read
Happiness Formula
एक गाँव में एक कुत्ता रहता था। एक दिन स द नसीब से उस कुत्ते को किसीने बहुत अच्छी-सी बड़ी रोटी दी। पूरी रोटी मिलने पर कुत्ता तो खुश-खुशहाल...
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Priyam
Sep 18, 20246 min read
3 कातिल कल्चर्स
1) एज्युकेशन कल्चर – एक स्कूल के प्रिंसिपल ने डिमांड की यदि 10th की लड़कियाँ मेरे साथ दुराचार करती हैं तो मैं उन्हें पास करूंगा। एक 9...
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Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 16, 20245 min read
वर्तमान मुद्रा का झटका
तीन समाचार... वोर्निंग बेल बजाते हुए मेरे कान पर टकराये, तो मैंने सोचा, आपको जगाने के लिए मैं भी एक बेल बजा दूँ। 1. 9, March-2024,...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Sep 15, 20246 min read
महायनक खारवेल Ep. 9
उसमें भी पाटलीपुत्र की उपेक्षा किए बिना छुटकारा नहीं मिलने वाला था। इन सभी के बीच और एक समाचार मिले कि पिताजी कुणाल ने जीवन का उत्तरार्ध...
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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Sep 10, 20242 min read
आपकी उम्र
छगन: “लिली! तेरी उम्र कितनी है?” लिली: “17 साल।” छगन: “ओहो! तूने तो जिंदगी भर के शनि-रवि को जोड़ा ही नहीं है।” यदि शनि-रवि जोड़ दिए...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Aug 18, 20246 min read
महायनक खारवेल Ep. 8
पाटलीपुत्र में नवनिर्मित देवविमान सदृश भव्यातिभव्य जिनालय की प्रतिष्ठा का महामहोत्सव कल ही संपन्न हुआ था। श्रमण भगवंतों के निवास की...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Aug 4, 20246 min read
महायनक खारवेल Ep. 7
सम्राट संप्रति अपने पटमंडप में चिंतनमग्न होकर बैठे थे। उनके हाथ में खारवेल की कटारी थी। बार-बार उस कटारी को हाथ में ऊँची करके गोल-गोल...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj
Aug 2, 20242 min read
अन्याय की फ़रियाद नहीं, न्याय की याचना नहीं।
रामायण का प्रसंग है। रावण को परास्त करके, लंका को जीतकर रामचंद्रजी अयोध्या में वापिस आ गये। लोगों के कहने से उन्होंने सीताजी को वन में...
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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Jul 31, 20242 min read
वेतन बढ़ाने का क्या हुआ?
छगन ने अलमारी के आईने पर जमी धूल की परत को देखकर, नौकर का ध्यान खींचने के लिए उसी धूल में ही अंगुली से लिख दिया, 'धूल बराबर साफ करो।'...
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