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The Faithbook Blog


चरण-स्पर्श का महत्व
भारतीय परंपरा में ‘चरण-स्पर्श’ का इतना गहरा महत्व क्यों है? चाहे परमात्मा हों, सद्गुरु हों,या माता-पिता जैसे हमारे बुज़ुर्ग हों — सबके ‘चरण-स्पर्श’ का उल्लेख हमारे कल्चर में बार-बार आता है। दिवाली जैसे पर्वों पर माता-पिता के चरण स्पर्श कर उनके आशीर्वाद लेने की परंपरा होती है... अंजनशलाका जैसे मंगल विधानों में “अनंत गुरुपादुकेभ्यो नमः” के माध्यम से सद्गुरु के ‘चरण-वंदन’ की ही बात आती है... जब हम शत्रुंजय जाते हैं — पाँच चैत्यवंदन करते हैं, दादा आदिनाथ का चैत्यवंदन करते हैं, फ
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Nov 182 min read


सोते – उठते नवकार मंत्र का स्मरण क्यों?
सोने से पहले 7 नवकार और उठते ही 8 नवकार मंत्र का स्मरण क्यों करें? क्योंकि सोने से ठीक पहले हम जो भी विचार करते हैं, जो भी Feel करते...
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Sep 42 min read


पर्युषण पर्व और संवत्सरी महापर्व का सर्वोच्च महत्व क्यों?
Q: पर्युषण पर्व और उसमें संवत्सरी महापर्व का इतना अधिक महत्व क्यों है? A: जैन धर्म की दृष्टि में, संसार का सर्वोत्तम सुख वीतरागता के...
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Aug 172 min read


Jainism is the World Best!
विश्व में धर्म और संप्रदाय अनेक हैं, लेकिन सबका लक्ष्य एक ही है – "हमारे धर्म के अनुयायी सदा सुखी रहें" और इसके लिए अच्छे विचार, वाणी और...
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May 72 min read


Why Religion?
जीवन में धर्म क्यों? धर्म का एकमात्र उद्देश्य है सुख! सुखी होने के लिए ही धर्म करना है, बाकी अगर धर्म से कभी भी सुख नहीं मिलने वाला हो,...
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Apr 33 min read
From the significance of daily rituals to the profound teachings of Jainism,
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