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The Faithbook Blog


Priyam
Jun 21, 20241 min read
आतम सुख अनुभव करो प्यारे
बात हमारी है। अबजोपति का वारसदार यानी हमारा आत्मा। उसे सभी कुछ मिल सकता है, शर्त ईतनी ही है कि, उसे बाहर भटकना छोड़ देना होगा और घर में आ...
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Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Jun 11, 202410 min read
टेटू तेरे चरणों में लेटू ? / या तुझे ही मेटू ( मिटा दूँ ) ???
‘यहाँ क्यों खड़े हो? भाईसाब!’ ‘मैं सब्ज़ी लेनें जा रहा था, लाईन देखी, तो खड़ा रह गया।‘ ‘क्या आप को पता भी है कि यह लाईन कहाँ जा रही है?’...
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Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj Saheb
May 24, 20243 min read
खाद्य साम्रगी के साथ जुड़े जैन शब्द से सावधान
बाजार में बिकने वाले खाद्य – पदार्थ आजकल सभी बड़े नगरों में गली - गली और चौराहे - चौराहे पर चाट की दुकाने दिखती है, जिसमें लोग खुशी -...
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Panyas Dhananjay Vijay Maharaj
May 16, 20244 min read
जैन को कट्टर बनना चाहिए या नहीं?
अनेक जन्मों में किए हुए शुभ कर्मों के परिणाम हमें जैन धर्म मिला है। परंतु इस भव में प्रभु वीर के शासन प्राप्ति के पश्चात जो हमारे दिलों...
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Pujya Panyas Shri Bhavyasundar Vijayji Maharaj
Apr 24, 20243 min read
धर्म में हमारी प्रगति क्यूं नहीं होती?
करुणा के सागर श्री अरिहंत परमात्मा ने अपने ज्ञान से जगत के जीवों को दुःख से त्रस्त देखकर, दुःख से हमेशा के लिए मुक्त होने का - शाश्वत...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Apr 22, 202411 min read
महानायक खारवेल Ep. 2
( धार्मिक और राजनीतिक परिवर्तन के समय में, भारत में जैन और बौद्ध धर्म की उन्नति हुई, सम्राट अशोक ने अपने साम्राज्य के माध्यम से बौद्ध...
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Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 19, 202413 min read
चॉकलेट या कोकलेट?
[जैसे कुछ पिक्चर सिलेक्टेड दर्शकों के लिए ही होती है, इसीलिए उस पिक्चर की शुरूआत से पहेले लिखा हुआ आता है, “ONLY FOR ADULTS” यानी उस...
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Priyam
Apr 17, 20246 min read
पिया निज महेल पधारो...
थोड़ी समझदारी बाह्य विश्व में विवाह का अर्थ किया जाता है 'खत्म हो जाना।’ अतरंग विश्व में विवाह का अर्थ है प्राप्त कर लेना, लाभ होना और...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj
Apr 15, 202410 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 2
( In a time of religious and political change, Jainism and Buddhism flourished in India, with Emperor Ashoka expanding Buddhism through...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj
Apr 12, 20242 min read
सुंदर विचार सुगंधित जीवन
एक नगर के मुख्य राजमार्ग पर एक सुंदर बंगला था। सुबह की खिलती उषा में किसी ने उस बंगले का दरवाजा खटखटाया। घर के मालिक ने दरवाजा खोलकर...
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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Apr 10, 20242 min read
जज-कायदा
छगन वकील ने जज को कानून की किताब दी, और कहा, “इस पुस्तक के पंद्रहवें पेज के आधार से आरोपी को निर्दोष मुक्त कर देना चाहिए।” जज ने पंद्रहवा...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Apr 7, 20249 min read
महानायक खारवेल Ep. 1
भगवान महावीर स्वामी के परिनिर्वाण के बाद 270 साल से लेकर 330 साल की एक भव्य कालखंड की ऐतिहासिक गाथा यहाँ पर पेश होने जा रही है। भारत के...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Apr 7, 20248 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 1
|| Shri Kalingajinayarshabhaye Namah || The historical saga of a magnificent era spanning from 270 to 330 years after the nirvana of Lord...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Apr 5, 20247 min read
ईश्वर ने विश्व को बनाया है या बताया है ?
सृष्टि के सृजन के विषय में आधुनिक विज्ञान द्वारा प्रस्तुत Big Bang थिअरी आदि के विषय में तर्कसंगत उत्तर से रहित ढ़ेरों प्रश्न बिना सुलझे...
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Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj Saheb
Apr 3, 20245 min read
सायं का भोजन कब करना चाहिए ?
प्राकृतिक चिकित्सालय के अग्रणी श्री लुई कुने ने अपनी पुस्तक ‘आकृति से रोग की पहचान’ में संध्याकालीन भोजन के विषय में विचार प्रगट किए है,...
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Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Apr 25, 20239 min read
शकट कथा
राजा हस्तिपाल की दानशाला में बारह पर्षदाएँ विराजमान थीं। अमावस्या की रात्रि थी, सर्वत्र नीरव शांति थी। प्रभु वीर जगत के कल्याण के लिए...
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Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Apr 25, 202312 min read
अभग्नसेन कथा
अमावस्या की मध्यरात्रि बीत चुकी थी। राजा हस्तिपाल की दानशाला में विराजमान प्रभुवीर ने विपाकसूत्र के पाप विपाक के तीसरे अध्ययन का आरंभ...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 25, 20236 min read
गोडीजी का इतिहास – 8
दिव्यध्वनि से ध्वजारोहण वि.सं. 1515 (ई.स. 1459) का वर्ष था। शिखर का कार्य पूर्ण होने को था। अब काजलशा परिवार में कर्ता पुरुष होने के कारण...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 25, 20235 min read
गोडीजी का इतिहास – 6
काजलशा का काला कलेजा जिनमन्दिर के निर्माण में मात्र पत्थर ही नहीं लग रहे थे, बल्कि मेघाशा के मनोरथ भी लग रहे थे। प्रभु के आगमन से गोड़ी...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 24, 20236 min read
गोडीजी का इतिहास – 5
पारस प्रभु मेरे… मेघाशा हर्षित हृदय से भूदेशर की सीमा पर पहुँचा। अपनी कर्मभूमि के सामीप्य से उसका मन प्रसन्न हो गया। उसने अपने साले...
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