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Secret Of Happiness

Updated: Apr 7




एक सप्ताह पहले ही शादी किया हुआ एक युवक एक ज्योतिषी के पास गया, और अपनी कुंडली बताकर पूछने लगा कि,

“मेरा वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा?”

कुंडली देखकर ज्योतिषी बोला, “शुरू के 3 वर्ष तकलीफ है।“

युवक ने फिर पूछा, “3 वर्ष के बाद तो कोई परेशानी नहीं होगी ना?”

ज्योतिषी ने कहा, “परेशानी तो होगी, पर फिर आपको आदत हो जायेगी।”

सभी जीव हेप्पीनेस और आनंद चाहते है। सभी को जिज्ञासा रहती है कि, 

‘What are the secrets of happy life?’

करोड़ रुपयों का प्रश्न है कि, ऐसी कौनसी चीज है, जो मुझे आनंदित बना सकती है।

इस समस्या का समाधान देने से पहले मैं आपको एक दृष्टांत बताता हूँ। इसी से ही आपको इसका जवाब मिल जायेगा।

एक 65 वर्ष की महिला किसी बहुत बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी की CEO की Post पर थी। कंपनी का सफलतापूर्वक संचालन करके वह एक दिन Retire हो रही थी। कंपनी की ओर से उसके सम्मान में बहुत बड़ी पार्टी Organise की गई थी। पार्टी के दरमियान स्टेज पर बैठी हुई उस लेड़ी को एक व्यक्ति ने प्रश्न पूछा कि,

‘does your husband keeps you happy?’

‘क्या आपका पति आपको खुश रखता है?’ 

पार्टी में आये हुए सभी व्यक्तियों के कान और विशेषतः उसके पति के कान भी सावधान हो गये कि यह Lady क्या Response देती है?

पति को तो 100% confidence था कि वह ‘हाँ’ में ही जवाब देगी। क्योंकि उसने पूरी मैरेज लाइफ में कभी भी किसी भी चीज में कोई फरियाद या झगड़ा नहीं किया था।

पर उसके पति को तब शौक लगा जब उस Lady ने सभी के बीच में कहा कि, ‘No, नहीं, मेरे पति ने मुझे कभी भी खुश नहीं रखा।‘

पति के साथ पूरी सभा यह जवाब सुनकर दंग रह गई।

उस लेड़ी ने अपनी बात कहनी जारी राखी, “नहीं, मेरे पति ने मुझे हैप्पी किया ही नहीं है। और महत्व की बात यह है कि मुझे खुश रखना उनकी जिम्मेदारी है ही नहीं। मेरे सुख या दुःख, प्रसन्नता या पीड़ा, आनंद या अफसोस, इन सबकी जिम्मेदारी मेरी खुद की है। उसका बोझ मैंने अपने पति पर डाला ही नहीं।

मैंने ही तय किया था कि मुझे जिंदगी की किसी भी परिस्थिति या प्रसंग में प्रसन्न रहना है, और इसी कारण मैं प्रसन्न और सफल बन सकती हूँ। यदि मैं मेरी प्रसन्नता का आधार अन्य व्यक्ति या परिस्थिति पर रखूँगी, तो मैं दुःखी हुए बिना नहीं रहूँगी। क्योंकि सभी ही व्यक्ति मेरी अपेक्षा के हिसाब से व्यवहार नहीं करेंगे, और सभी परिस्थितियाँ भी मेरी धारणा अनुसार निर्मित हो, ऐसा जरूरी नहीं है।

इस जिंदगी में सब कुछ निरंतर Change होता रहता है। हमारे आस-पास के व्यक्ति बदल जाते हैं। हमारा खुदका Social और Economic स्टेटस बदल जाता है। फिजीकल और मेन्टल हेल्थ बदल जाती है, Climate भी बदल जाता है, बॉस और कलीग्स भी बदल जाते हैं। इस दुनिया में सब कुछ ही बदलता रहता है।“ 

पार्टी में आया हर एक व्यक्ति इस लेडी के हर एक वाक्य को ध्यान से सुन रहा था।

Lady ने आगे कहा, “मैंने तय किया है कि यदि मुझे खुश रहना है, तो बाहर के एक भी व्यक्ति, वस्तु या परिस्थिति की अपेक्षा रखे बिना मुझे जो भी मिलेगा उसमें मैं प्रसन्न रहूँगी। मैं अमीर रहूँ या गरीब, मेरे बहुत सारे फ्रेंड्स हों या मैं अकेली रहूँ, मेरे पास बहुत कुछ साधन-सामग्री हो या कम, पर मैं प्रसन्न रहूँगी। आज मैं Married हूँ। पर जब मैं Single थी, तब भी मैं प्रसन्न और आनंदित थी। क्योंकि college life से ही मैंने तय कर लिया था कि, मुझे खुद अपने-आप को हमेशा खुश, प्रसन्न और आनंदित रखना है।

“यद्यपि मेरे पतिदेव मेरे लिए भगवान हैं। वे मुझे बहुत प्रेम करते हैं, उन्होंने मुझे खुश रखने के लिए अपनी केपेसिटी के हिसाब से सब कुछ किया है, कभी भी मेरे साथ झगड़ा नहीं किया। मेरी इच्छाओं को पूरी करने के सारे  प्रयत्न किये हैं।”

फिर भी ‘वो’ हैं तो मैं खुश हूँ, या दूसरे व्यक्ति और वस्तुओं के कारण मैं खुश हूँ, ऐसा Equation, समीकरण मैंने मेरे जीवन में कभी बनाया ही नहीं है। मैंने मेरे पति को मुझे खुश रखने के बर्डन से हमेशा मुक्त ही रखा है।

मुझे खुद अपने आप को खुश रखना है। यही दृष्टिकोण जीवनयात्रा को Comfort, Lighter, Easier और Happiest बनाता है।“

इतना बोलते-बोलते lady की आँखें गीली हो गई और उसने अपना वक्तव्य पूरा किया। पार्टी में आये हुए हर एक व्यक्ति ने तालियों की गूंज से हॉल को भर दिया।

§. यह पूरा प्रसंग एक सुंदर-सा मैसेज देकर जाता है कि, हम संकल्प करें :

1. मेरी जिंदगी की हर पल को मैं प्रसन्नता से हरा-भरा रखूँगा।

2.मेरी प्रसन्नता की जिम्मेदारी दूसरों की नहीं है, मेरी खुद की है।

3.मैं अपनी प्रसन्नता का रिमोट कंट्रोल किसी भी व्यक्ति या वस्तु को नहीं दूँगा।

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