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The Faithbook Blog


Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Apr 25, 20239 min read
शकट कथा
राजा हस्तिपाल की दानशाला में बारह पर्षदाएँ विराजमान थीं। अमावस्या की रात्रि थी, सर्वत्र नीरव शांति थी। प्रभु वीर जगत के कल्याण के लिए...
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Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Apr 25, 202312 min read
अभग्नसेन कथा
अमावस्या की मध्यरात्रि बीत चुकी थी। राजा हस्तिपाल की दानशाला में विराजमान प्रभुवीर ने विपाकसूत्र के पाप विपाक के तीसरे अध्ययन का आरंभ...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 25, 20236 min read
गोडीजी का इतिहास – 8
दिव्यध्वनि से ध्वजारोहण वि.सं. 1515 (ई.स. 1459) का वर्ष था। शिखर का कार्य पूर्ण होने को था। अब काजलशा परिवार में कर्ता पुरुष होने के कारण...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 25, 20235 min read
गोडीजी का इतिहास – 6
काजलशा का काला कलेजा जिनमन्दिर के निर्माण में मात्र पत्थर ही नहीं लग रहे थे, बल्कि मेघाशा के मनोरथ भी लग रहे थे। प्रभु के आगमन से गोड़ी...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Apr 20, 20236 min read
Temper : A Terror – 16
इंद्र विमान जैसा रथ राजमहल के प्रांगण में तैयार खड़ा हुआ था। धूमधाम से तैयारी चल रही थी। सद्गुरु के आगमन के समाचार राजा को मिलने के बाद...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Apr 20, 20235 min read
Temper : A Terror – 15
(मंत्री मित्रानन्द शव के द्वारा कहे गए वचनों को भूल नहीं सकते थे, इसलिए राजा से मौंन अनुमति लेकर पाटलिपुत्र छोड़कर कहीं और चले गए।...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Apr 19, 20237 min read
इतने सारे देरासरों की क्या जरूरत है?
चढ़ावे पैसों में ही क्यों लिए जाते हैं? देवद्रव्य का उपयोग अन्य किसी भी कार्य में क्यों नहीं हो सकता? आदि बातें अब बराबर से समझ में आ गईं...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 18, 20235 min read
गोडीजी का इतिहास – 7
मेघाशा का महाप्रयाण सुव्रता के विवाह की शहनाई बज रही थीं, ढोल बज रहे थे। काजलशा ने अत्यन्त धूमधाम से विवाह करवाया। ऐसा आयोजन देखकर...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 13, 20233 min read
Secret Of Happiness
एक सप्ताह पहले ही शादी किया हुआ एक युवक एक ज्योतिषी के पास गया, और अपनी कुंडली बताकर पूछने लगा कि, “मेरा वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा?” कुंडली...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
May 19, 20218 min read
Temper : A Terror-12
(अमरदत्त और रत्नमंजरी के शादी के पश्चात राजपुरोहित के पास सेनाधिपति आए और राजा के अकाल मरण के दु:खद समाचार दिए। आगे क्या होता है पढ़िए।)...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 202110 min read
Temper : A Terror – 10
(नगर में फैली हुई “मारी” वह दूसरी कोई नहीं मगर खुद की बेटी राजकुमारी रत्नमंजरी है, ऐसी शंका राजा के मन-मस्तिष्क में जब हो चुकी थी। तब इस...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20217 min read
जीवन की बारहखड़ी
पिछले लेख में हम अनीति को टालने की बातों के बारे में सोच रहे थे। अनीति के विषय में एक अन्यधर्मी मेगेज़ीन में पढ़ी हुई कथा याद आ रही है।...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20215 min read
मैं एकलवीर एकलव्य
द्रोणाचार्य की पाठशाला में अलग-अलग राजकुमारों ने युद्धकला आदि अनेक प्रकार की विद्याएँ प्राप्त की थी। अमुक्त और करमुक्त ऐसे शस्त्रों की...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20217 min read
फर्ज अदा करें वरना कर्ज चढ़ जाएगा।
पिछले लेख के अंतर्गत आखिर में यह प्रश्न किया गया था कि नौकरी करने वालों के लिए नीति और प्रामाणिकता क्या होती है? इसका उत्तर यह है कि उसको...
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Sanjay Bhai Vakhariya
Apr 11, 20212 min read
कुटीर का दिया
कुटीर के भीतर की दुनिया को उज्ज्वलित करने की हिम्मत जब चाँद सितारों ने ना दिखाई, सूरज का तेज भी जब गुफाओं और खंडहरों में ना पहुँच सका, तब...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20215 min read
Temper : A Terror – 8
(मित्र अमरदत्त की स्वप्नसुंदरी रत्नमंजरी के पास पहुंचने के लिए मित्रानन्द ने अक्का के पास से राजमहल का नक्शा लिया और पूरी जानकारी भी ली।...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20216 min read
जीव बिना सुख के नहीं रह सकता है।
हमने पिछले लेख में देखा था कि कोई भी व्यक्ति, वस्तु या प्रवृत्ति जीव को सुख नहीं दे सकती, ना ही दे रही है, बल्कि जीव का खुद का रस ही खुद...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20215 min read
Temper : A Terror – 7
(सोपारक नगर में रात भर जाग के मृतक की रक्षा की। नगर को मारी से बचाया। सेठ ने कहा था कि यदि तू रात भर जागकर मृतक की रक्षा करेगा तो तुझे ...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Apr 10, 20216 min read
Temper : A Terror – 6
( पाटलिपुत्र आने के बाद नगर के प्रवेश के पूर्व एक भव्य प्रासाद के खंभे पर चित्र में अंकित स्त्री को देखकर अमर अत्यंत मोहित हो गया और उसे...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Mar 7, 20217 min read
I am Yudhishthira, the holder of easy forgiveness
Myself Yudhishthira, the eldest brother among the five Pandavas and the hundred Kauravas. The signs of the son are seen in cradle. My...
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