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The Faithbook Blog


प्रभु का आध्यात्मिक जन्म
माता के गर्भ से निष्क्रमण होना जन्म कहलाता है, पर चेतना का शरीर में से निष्क्रमण होना जागरण कहलाता है। जन्म से पूर्व ही जागरण की धारा में...
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Apr 11, 20212 min read


मैं कर्ण : सवाया अर्जुन
महाभारत के पात्रों में नेत्रदीपक पात्रों के रूप में विपुल प्रेरणा देने वाले पात्रों के रूप में पहले श्रीकृष्ण आते हैं, तो लगभग उनकी...
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Apr 11, 20216 min read


जीव बिना सुख के नहीं रह सकता है।
हमने पिछले लेख में देखा था कि कोई भी व्यक्ति, वस्तु या प्रवृत्ति जीव को सुख नहीं दे सकती, ना ही दे रही है, बल्कि जीव का खुद का रस ही खुद...
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Apr 11, 20216 min read


Temper : A Terror – 7
(सोपारक नगर में रात भर जाग के मृतक की रक्षा की। नगर को मारी से बचाया। सेठ ने कहा था कि यदि तू रात भर जागकर मृतक की रक्षा करेगा तो तुझे ...
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Apr 11, 20215 min read


दिल जीतने की जड़ी-बूटी
जंगली विस्तार में रहने वाली एक स्त्री के अपने पति के साथ बहुत अच्छे संबंध नहीं थे। उसे हमेशा ऐसा ही लगता था कि उसका पति उसे प्रेम नहीं...
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Apr 11, 20213 min read


Holy Vision
नमस्ते मित्रों ! C.A को किसी पेशन्ट का हार्ट का ऑपरेशन करने का कहो, वह मना कर देगा, डॉक्टर को किसी मल्टीनेशनल कंपनी का रीटर्न क्लीयर करने...
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Apr 10, 20214 min read


समन्वय की शक्ति
किसी एक आश्रम में गुरुजी के दो शिष्य थे। दोनों शिष्यों के मन में एक-दूसरे के लिए अत्यन्त ईर्ष्या-भाव था। छोटी-छोटी बातों को लेकर दोनों...
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Apr 10, 20216 min read


जिनशासन : एक वटवृक्ष
संघत्याग सुमितभाई होस्पिटलाईज्ड हुए। उनका मित्र खबर पूछने गया। तबियत पूछी, लगभग कुछ भी अच्छा नहीं था। तीन फ्रेक्चर, बुखार, उल्टी, पीड़ा,...
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Apr 10, 20215 min read


Everything is Online, We are Offline 3.0
विगत दो लेखों से लगातार हम Online के दुष्परिणामों को बताते आ रहे है। उसी कड़ी में आज, इस Online के और एक खतरनाक पहलू की ओर आपका ध्यान...
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Apr 10, 20215 min read


प्रयोजनशून्यता ही पूर्णता है।
प्रभु गर्भ में भी पूर्णजागृत थे। गर्भ सृजन का स्थान है, सृजन शरीर का होता है। प्रभु सृजन से परे हैं। जो नजदीक है, इतना पास कि आप उसे पास...
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Apr 10, 20212 min read


धनुर्धारी मैं अर्जुन !
आर्यावर्त के कांपिल्यपुर नगर में महाराजा द्रुपद राज्य करते थे। उनका युवराज पद पर आरूढ़ धुष्टद्युम्न नाम का पुत्र था। अद्वितीय रूप और...
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Apr 10, 20217 min read


सुख कौन देता है ?
पिछले लेख में हमने देखा कि जिसमें भारतीयों को बहुत आनंद आता है ऐसी क्रिकेट में अम-रीकनों को ऊब आती है। शक्कर को चखने वालों को चाहे भारतीय...
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Apr 10, 20216 min read


Temper : A Terror – 6
( पाटलिपुत्र आने के बाद नगर के प्रवेश के पूर्व एक भव्य प्रासाद के खंभे पर चित्र में अंकित स्त्री को देखकर अमर अत्यंत मोहित हो गया और उसे...
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Apr 10, 20216 min read


शत्रु भी सुखी बने
“शत्रुजनाः सुखिनः समे” नेल्सन मंड़ेला साउथ आफ्रिका के सिवील राईट्स के लिए व्हाईट रेजीन ‘पी.डबल्यु ओथा’ कि जो साउथ आफ्रिका के प्रेसीडेन्ट...
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Apr 10, 20213 min read


माहिती V/S ज्ञान
हेलो फ्रेन्ड्स ! अरिहंत बनने की यात्रा में हम अग्रेसर है। संसार में कभी भी कोई भी व्यक्ति अपनी सफलता का रहस्य किसी को भी बताना नहीं...
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Apr 10, 20213 min read


एक स्वप्न देखते है….
Relation यह मेरा बेटा है, इस मुद्दे पर हम सब कुछ गौण करने को तैयार हैं। वो नवकार गिनता है, इस मुद्दे पर हम कुछ भी गौण करने को तैयार नहीं...
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Apr 10, 20215 min read


Everything is Online, We are Offline 2.0
वर्षों पहले आगरा में एक स्थान पर रुके थे। मंदिर जाने के लिए सुबह-सुबह बाहर निकले तो बाहर बैठा चौकीदार बड़ा उदास दिख रहा था। मुझे दया आ...
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Apr 10, 20214 min read


सर्वस्वीकार की साधना
माता त्रिशला के हृदय की संवेदना इतनी गहरी थी, उनका पुत्र-राग इतना था, कि पुत्र-वियोग आयुष्य को उपक्रांत कर सकता था…। प्रभु खुद को...
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Apr 10, 20212 min read


I am Yudhishthira, the holder of easy forgiveness
Myself Yudhishthira, the eldest brother among the five Pandavas and the hundred Kauravas. The signs of the son are seen in cradle. My...
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Mar 7, 20217 min read


सहज क्षमा का धारक मैं युधिष्ठिर हूँ
मैं युधिष्ठिर पांच पाण्डवों और सौ कौरवों का सबसे ज्येष्ठ भ्राता हूँ। पुत्र के लक्षण पालणे में दिखाई दे जाते हैं। मेरा परिवार पुण्यशाली था...
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Feb 2, 20217 min read
From the significance of daily rituals to the profound teachings of Jainism,
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