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The Faithbook Blog


शकट कथा
राजा हस्तिपाल की दानशाला में बारह पर्षदाएँ विराजमान थीं। अमावस्या की रात्रि थी, सर्वत्र नीरव शांति थी। प्रभु वीर जगत के कल्याण के लिए...
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Apr 25, 20239 min read


अभग्नसेन कथा
अमावस्या की मध्यरात्रि बीत चुकी थी। राजा हस्तिपाल की दानशाला में विराजमान प्रभुवीर ने विपाकसूत्र के पाप विपाक के तीसरे अध्ययन का आरंभ...
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Apr 25, 202312 min read


प्रभु का जन्म : शरीर और आत्मा का मिलन
प्रभु महावीर माता त्रिशला रानी के गर्भावास से, शरीर से पूर्ण निष्पन्न होकर निष्क्रमण प्राप्त करने को हैं, जन्म होने को है….. और पूरा...
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Apr 14, 20212 min read


गोशाला V/s गौतम
Hello Friends! परमात्मा बनने की सफ़र में हम अग्रसर हैं। आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पद पर हम विचार करेंगे। आज का हमारा पद है – ‘श्री विनय पद।’...
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Apr 11, 20213 min read


‘मैंने कुछ भी नहीं किया है।’
संघ संवेदना परम पावन श्री भगवतीसूत्र में एक घटना का वर्णन है। चमरेन्द्र के अपराधी सिद्ध होने के कारण सौधर्मेन्द्र ने उन पर वज्र छोड़ा।...
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Apr 11, 20215 min read


प्रभु का आध्यात्मिक जन्म
माता के गर्भ से निष्क्रमण होना जन्म कहलाता है, पर चेतना का शरीर में से निष्क्रमण होना जागरण कहलाता है। जन्म से पूर्व ही जागरण की धारा में...
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Apr 11, 20212 min read


प्रयोजनशून्यता ही पूर्णता है।
प्रभु गर्भ में भी पूर्णजागृत थे। गर्भ सृजन का स्थान है, सृजन शरीर का होता है। प्रभु सृजन से परे हैं। जो नजदीक है, इतना पास कि आप उसे पास...
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Apr 10, 20212 min read


मृगापुत्र कथा
प्रभु ने मृगापुत्र का दृष्टान्त विस्तार से बताना शुरू किया। इसी जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में मृगाग्राम नामक एक नगर था, वहाँ विजय नामक...
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Jun 7, 20208 min read
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