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The Faithbook Blog


दिव्य प्रेम
एक गाँव में एक छोटा-सा बालक अपनी विधवा और गरीब माँ के साथ रहता था। एक बार निकट के गाँव में मेला लगा हुआ था। बालक की मेले में जाने की...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 15, 20212 min read


कर भला तो हो भला।
प्रत्येक जीव में अपनी आत्मा का दर्शन करने वाला व्यक्ति दूसरों के दुःख में किस हद तक विचलित हो सकता है, इसका 150 वर्ष पूर्व का एक प्रसंग...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20212 min read


घर में किसे आमंत्रण देना है? समृद्धि? सफलता? या स्नेह?
तीन लोग एक गाँव में दाखिल हुए। उन्होंने गाँव में प्रवेश करते ही जो पहला घर आया, उसके आंगन में खड़े होकर आवाज लगायी। सज्जन जैसे दिखने वाले...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20212 min read


कुर्सी या खुशी ?
“पप्पा ! मुझे नए कपड़े दिलाओ ना! कल दिवाली है। मेरी सभी सखियाँ दो दिन से नए-नए कपड़े पहनकर घूम रही हैं। मुझे पुराने कपड़े पहनकर जाने में...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20213 min read


दिल जीतने की जड़ी-बूटी
जंगली विस्तार में रहने वाली एक स्त्री के अपने पति के साथ बहुत अच्छे संबंध नहीं थे। उसे हमेशा ऐसा ही लगता था कि उसका पति उसे प्रेम नहीं...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20213 min read


शत्रु भी सुखी बने
“शत्रुजनाः सुखिनः समे” नेल्सन मंड़ेला साउथ आफ्रिका के सिवील राईट्स के लिए व्हाईट रेजीन ‘पी.डबल्यु ओथा’ कि जो साउथ आफ्रिका के प्रेसीडेन्ट...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 10, 20213 min read


जिसको पुष्ट किया, वो ही हमें पीस रहा हैं ।
सुबह पति जब तैयार होकर घर से बहार निकल रहा था, तब अंदर से उनकी श्रीमतीजी (पत्नी) आयी, उनके हाथ में केशर-बादाम-पिस्तावाला दूध रखा और पत्नी...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20202 min read


Who is Great – a Rich or a Gentleman?
Once upon a time four youngsters went to a famous philosopher Socrates. After speaking for a little while Socrates asked them, ”What is...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 29, 20202 min read


अमीर महान या सज्जन ?
एक बार चार युवक महान फिलोसोफर सॉक्रेटिस से मिलने गए। उनके साथ थोड़ी बात करने के बाद सॉक्रेटिस ने उनको पूछा : आपको भविष्य में क्या बनने की...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20202 min read


संवत्सरी प्रतिक्रमण – भाव प्रतिक्रमण
एक महिला टैक्सी में बैठी, ड्राइवर को गंतव्य स्थान बताया, टैक्सी उस स्थान पर पहुँची तो महिला ने किराया पूछा। टैक्सी वाला बोला, ‘50 रूपया’।...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20204 min read


Anguish – Settlement – Good Luck
A construction to build a Mandir was going on. Someone asked one of the workers, “What are you doing?”. He replied, “I am breaking stones...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Jul 31, 20202 min read


संताप – समझौता – सौभाग्य
एक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू था। किसी ने मजदूर को पूछा “तु क्या कर रहा है?“ उसने कहा “पत्थर फोड़ने की मजदूरी कर रहा हूँ“ दूसरे मजदुर से...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Jul 13, 20202 min read


सहिष्णुता से सिद्धगति
एक भाई मिलने के लिए आए, और बोले, “महाराज जी ! हमारा घर चौमुखी मन्दिर जैसा है।” मैंने पूछा, “कैसे?” तो वे बोले, “चौमुखी मन्दिर में चार...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Jun 15, 20202 min read


संकल्प से सिद्धि
मोक्षेण योजनात् योग:। हमारा किया हुआ वो ही धर्म “योग” बन सकता हैं, जो हमें मोक्ष के साथ जोड़े। उसके लिए पूज्य महोपाध्याय श्री यशोविजयजी...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
May 17, 20203 min read
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