जो आत्मा या परलोक का स्वीकार ही नहीं करता, ऐसे विज्ञान के मापदंडों से आत्मा के अस्तित्व पर आधारित धर्म की जांच करना — यह समुद्र को फुटपट्टी से नापने जैसी व्यर्थ चेष्टा है। फिर भी, आज जो बातें वैज्ञानिक संशोधनों से सिद्ध हो रही हैं, वे सैकड़ों वर्ष पूर्व बिना किसी प्रयोग के जिनशासन में बताई गई थीं — यह सत्य हमें चकित कर देनेवाला है। इसलिए, ऐसी कई बाते देखतें हैं। 1. ध्वनि(Sound) की द्रव्य(पुद्गल) रूपता अन्य दर्शनों में ध्वनि को आकाश नामक द्रव्य का गुण माना गया है। जिनशासन न