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The Faithbook Blog


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पति : प्यास लगी है, पानी लेकर आओ। पत्नी : सोच रही हूँ, क्यों ना मटर पनीर और शाही पुलाव बनाकर खिलाऊँ… पति : वाह-वाह…! मुँह में पानी आ...

Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Apr 9, 20239 min read


अलग दृष्टिकोण
गाँव में एक बाँसुरी बेचने वाला बाँसुरी की सुरीली तान बजाता-बजाता गलियों में घूम रहा था। एक बालक ने मम्मी से जिद की, ‘मम्मी ! मुझे भी...

Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
May 19, 20212 min read


गोडीजी का इतिहास - 1
!! अथ श्री गोडी पार्श्वनाथजी की कथा !! अखिल विश्व में 23 वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान का प्रभाव अतिशय प्रख्यात है। प्रायः ऐसा कोई...

Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
May 19, 20215 min read


नमस्कार आणगार को…
नमस्ते मित्रों ! Faithbook के जरिए हम अरिहंत बनने की यात्रा में अग्रसर हो रहे हैं। दुनिया भर की और सभी पदवीयाँ, संपत्ति से, मेहनत से,...

Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20203 min read


मूलाधार चक्र ध्यान
सबसे पहले शान्त चित्त होकर पद्मासन या सुखासन में बैठें। फिर तीन मिनिट तक अनुलोम-विलोम करें। इसमें दाहिने हाथ के अँगूठे से दाहिनी नासिका...

Panyas Shri Shatrunjay Vijayji Maharaj Saheb
Jun 21, 20206 min read


स्नेह, सत्व और सहिष्णुता का संगम : पिता
माता-पिता के प्रेम का मूल्यांकन करना हमारे बस की बात नहीं है। जिस प्रकार हमारी दोनों आँखों का महत्त्व एक समान है, उसी प्रकार माता और पिता...

Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Jun 18, 20205 min read


सफर : संसार से सिद्धशिला
दूसरा पड़ाव – सिद्ध Hello Friends ! हम तो चले हैं फिलहाल उस यात्रा पर जहाँ मंजिल पर भगवान खुद खड़े हैं, और बड़ी बेसब्री से हमारा इंतजार कर...

Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Jun 18, 20203 min read


जिनशासन के हीरे मोती
रत्न का स्थान तिजोरी में और राख का स्थान कचरे के ढेर में होता है। रत्न जैसे जीव शासन की सेवा करते हैं, और राख जैसे जीव संसार में पड़े...
Sanjay Bhai Vakhariya
Jun 18, 20203 min read


Mom @ Unconditional Love
सृजनहार का सर्वोत्कृष्ट सृजन है – माँ। वात्सल्य-मूर्ति माँ के प्रेम की चाहत तो जगत के नाथ को भी होती है। श्री पार्श्वनाथ भगवान भी...

Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
May 10, 20206 min read


जिनशासन का जयघोष
जैनत्व के संस्कारों से सुवासित प्रभु महावीर के अनुयायी सभी संघ, सभी सम्प्रदाय, सभी गच्छ, सभी समाज, सभी ट्रस्ट सामूहिक या व्यक्तिगत स्तर...

Panyas Shri Premsundar Vijayji Maharaj Saheb
May 4, 20203 min read


अमूल्य संजीवनी : हास्य
आज यह लेख लिखते हुए अत्यंत आनंद अनुभव हो रहा है, क्योंकि आज का लेख संजीवनी पर है। वो संजीवनी नहीं, जो हनुमान लक्ष्मण के लिए लेने गए, ये...
Viral Shah
May 4, 20203 min read
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